Tuesday, 13 November 2018

उद्देश्य  :  इस ब्लॉग का उद्देश्य समाज में लोगो की मानसिकता को एक सकारात्मक रुख प्रदान करना है | आज के इस स्वार्थ से परिपूर्ण दुनिया में , लोगो के गलाकाट प्रतिस्पर्द्धा की होड़ के बीच ,सेवार्थ , लोगो के उस दबी और सोई हुई सद्धभावना को उद्धत करने का एक निःस्वार्थ साहसिक प्रयास है | उन सभी महानुभावो  को मेरा कोटि नमन, जो इस सत्कार्य में अपना बहुमूल्य  समय निकाल के सुन्दर सुझाव,राय या फिर अपेक्षाएँ व्यक्त करें |

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अहं ब्रह्मस्मि(Aham Brahmasmi )

 बृहदारण्यकोपनिषद में वर्णित तथा  आदि शंकराचार्य द्वारा व्याख्यित  अहं ब्रह्मस्मि का शाब्दिक अर्थ: "मैं  ब्रह्म हूँ  " को...